Udaipur city place in hindi - अरावली की पहाड़ियों में बसा उदयपुर शहर घूमने के लिए एक शानदार शहर है। झीलों की नगरी उदयपुर में घूमने के लिए एक से बढ़कर एक टूरिस्ट प्लेस मौजूद है। जिसमे झीलें, मंदिर और शानदार वास्तुकाल से निर्मित इमारते शामिल। आइए आज हम आपको हमारे इस लेख में बताते है, सिटी पैलेस के बारे में।
उदयपुर शहर में मौजूद सिटी पैलेस को राजस्थान के सबसे बड़े शाही परिसरों में से एक माना जाता है। पिछोला झील के किनारे पर बना इस शानदार महल का निर्माण 1559 में महाराणा उदय सिंह के शासन काल में कराया गया था। ये परिसर अमर विलास, भीम विलास, रंग भवन, और मोर चौक जैसे महलों से मिलकर बना है। इस सिटी पैलेस में महाराणा उदय सिंह के बाद आने वाले लगभग सभी शासकों ने इस परिसर में किसी ना किसी महल या मंदिरों का निर्माण करवाते रहे। इस परिसर में राणा राज सिंह को सबसे अधिक निर्माण करने वाले शासक के रूप में जाना जाता है।
आपको बाते इस सिटी पैलेस उदयपुर ने फिल्मों सितारे को भी अपनी ओर आकर्षित किया है। यही कारण है, की इसमें जेम्स बॉन्ड और राम लीला जैसी कई फिल्मों को शूटिंग हो चुकी है। इसमें मौजूद महल और उनकी वास्तुकला अद्भुत है, जिन्हे देखने के लिए पर्यटको भारी संख्या में आते है।
उदयपुर सिटी पैलेस की स्थापत्यकला - City place Udaipur ka Architecture
सिटी पैलेस के प्रवेश द्वार पर बने दरवाजे को हाथी पॉल या हाथी गेट कहा जाता है। जहा से सिटी पैलेस के अंदर आप प्रवेश कर सकते है। थोड़ा आगे चलकर आप जगदीश मंदिर के दर्शन कर सकते है। इसके बाद बड़ा गेट या बारी पोल द्वार आता है।
इस परिसर में एक राज आंगन नाम का प्रगाण मौजूद है। जिसे स्वयं महाराणा उदय सिंह ने बनवाया था। ये प्रगाण बहुत पहले बना हुआ है, जो आज के समय में संग्रहालय का हिस्सा बना लिया गया है।
संगमरमर और ग्रेनाइट से निर्मित परिसर का मुख्य मौकोटा बहुत शानदार वास्तुकला का नज़ारा है। जो की करीब 245 मीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा बना हुआ है। इस महल को भीतर से रंगीन कांच, चित्रकारी और चांदी से सजाया गया है। खास बात ये है ये महल कई अलग - अलग संरचनाओं में ढला हुआ है। इस महल के उपर से आप उदयपुर शहर के अद्भुत और मनमोहक दृश्य को निहार सकते है।
सिटी पैलेस का पुरावृत - history of City place in hindi
जब अकबर पूरे भारत की एक एक कर सभी रियासत को अपने साथ मिला रहा था। तब मेवाड़ ने अकबर की अधीनता स्वीकार करने से मना कर दिया। इस समय तक मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़गढ़ हुआ करती थी। 1567 में अकबर ने मेवाड़ पर आक्रमण कर दिया। जिसके बाद राणा उदय सिंह तो वहा से सुरक्षित निकाल लिया गया पर चित्तौड़गढ़ पर मुगलों का अधिपत्य हो गया।
चित्तौड़गढ़ हाथ से निकले के बाद अब मेवाड़ रियासत को एक नई और सुरक्षित राजधानी को आवश्यकता थी। जिससे के बाद राणा उदय सिंह द्वितीय ने अरावली की घाटियों में सिटी पैलेस उदयपुर का निर्माण करने का तय किया और 1559 में चारो और से प्राकृतिक सुरक्षा को वजह से परिसर का निर्माण कार्य शुरू किया गया।
सिटी पैलेस परिसर में सबसे पहले राय आंगन का निर्माण कराया गया। राणा उदय सिंह द्वितीय के बाद करीब 400 वर्षो तक इसमें परिसर में निर्माण का कार्य चलता रहा। बहुत से शासकों ने इसमें कई सारे महलों का निर्माण करवाया। अंत में मराठाओं का बढ़ते प्रभाव के कारण राणा भीम सिंह को अंग्रेजो से संधि करनी पड़ी। 1947 में स्वतंत्रता के संग्राम के बाद मेवाड़ रियासत का भारत में विलय हो गया।
सिटी पैलेस में टिकट कितना लगता है ? How much is the ticket in City Palace in hindi
सिटी पैलेस उदयपुर में अगर टिकट को बात करे तो ये विभिन्न प्रकार के टूर, दर्शनीय स्थल और बोट सवारी जैसी गतिविधि के लिए अलग अलग होता है। जिसमे बच्चो और वयस्क के लिए अलग अलग होता है। आइए आपको बताते है सिटी पैलेस परिसर में टिकट को कीमत -
- चार्जर बोट सवारी इसमें 7 से 24 तक बैठ सकते है - जिसका किराया 4500 से लेकर 18000 तक रहता है।
- साउंड इंग्लिश और मेवाड़ लाइट शो - इसका किराया 250 रुपए बच्चो के लिए वही वायस्को को इसे लिए 500 रुपए देने होंगे।
- विंटेज एंड क्लासिक कार सवारी - इसका टिकट वयस्क के लिए 250 रूपय वही बच्चों के लिए इसका किराया 150 रुपए है।
- बोट की सवारी - बोट राइड में वयस्क लोगों का टिकट 400 है तो बच्चो के लिए इसका आधा 200 रुपए टिकट है।
- सूर्यास्त के समय बोट को सवारी - इस सवारी को करने के लिए वयस्क लोगों का टिकट 700 रुपए लगता है। वही बच्चों का किराया 400 रुपए है।
- क्रिस्टल गैलरी में घूमने का टिकट - इस गैलरी में घूमने के लिए वयस्क लोगो को 550 रुपए है। वही बच्चो को इसमें घुमाने के लिए 350 रुपए देने होंगे।
सिटी पैलेस परिसर के भीतर के महल - Palace inside the City Palace Complex in hindi
परिसर के भीतर बहुत सुंदर सुंदर कुल 11 महल बने हुए है। जिसमे हम आपको 10 महलों के बारे बताएंगे -
दरबार हॉल - Durbar Hall in hindi
1909 में बना ये हॉल बना है। जिसमे महाराणा के चित्र और हथियारों को रखा गया है। इस महल का निर्माण सरकारी कार्य जैसे भोज और बैटको के लिए किया गया था। दरबार हाल जिसे फतेह प्रकाश पैलेस भी कहा जाता है। इस महल में लगे बड़े बड़े झूमर इसका मुख्य आकर्षण है।
बड़ा महल - bada Mahal in Hindi
उदयपुर के शहर के सिटी पैलेस में स्थित ये बड़ा महल 27 ऊंची चट्टान पर बना हुआ है। जिसका प्राकृतिक सौंदर्य बहुत जबरदस्त है। इस महल में होली के पावन पर्व पर इसमें बेहतरीन उत्सव होता है। इसमें कई सारे चित्र भी मौजूद है।
चीनी चित्र भवन - Chinese Painting Building In Hindi
ये भवन चीनी और टाइलो का भवन है। जिसमे कई सारे विभिन्न प्रकार की टाइलो और चीनी चित्र मौजूद है। इस भवन को बालकनी से आप उदयपुर शहर के सुगम दृश्य को निहार सकते है।
भीम विलास - Bhim vilas in Hindi
ये एक पैलेस छोटा भवन है। जिसमे भगवान कृष्ण और राधा के चित्र दीवारों पर लगाए गए है। एक भवन देखने बहुत ज्यादा सुंदर है। इसमें बीचों बीच एक झूमर भी लगा हुआ है जो इसका एक आकर्षण है।
कृष्ण विलास - Krishna Vilas in Hindi
इस कक्ष में भी बहुत से चित्र लगे हुए है। इस महल का नाम भगवान श्री कृष्ण के नाम पर रखा गया है।
छोटी चित्र शाला - small picture palace in Hindi
ये चित्र महल मोर के चित्रों का महल है या जगह है । जिसमे कई सारे मोर के चित्रों को चित्रित किया गया है। इस महल में आपको मोर के अलग अलग चित्र देखने के मिल जायेंगे। ये एक खूबसूरत चित्र शाला है।
मोर चौक - Mor Chowk In Hindi
ये कमरा सिटी पैलेस परिसर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कक्ष के सामने तीनो मोरो के चित्र लगे हुए है। इसके अलावा तीनो मोरो के चित्रों के उपर एक छोटी बालकनी बनी हुई है। जिसे हरे और सुनहरे रंग से रंगा गया है। कहा जाता है की यह तीनो मोर साल के तीनों मौसम शीत, ग्रीष्म और मानसून को दर्शाते है।
रंग भवन - Rang bhawan In Hindi
रंग भवन को शुरुआत के समय में शाही खजाने के कक्ष के रूप में काम लिया जाता था। बाद में रियासत का भारत में विलय होने के बाद इस कक्ष को धार्मिक कक्ष में बदल लिया गया है। वर्तमान समय में भगवान कृष्ण और उनकी भक्त मीरा बाई के साथ भगवान शिव का मंदिर बना हुआ है।
शीश महल - sheesh Mahal in Hindi
इस महल का निर्माण मेवाड़ के महानतम शासक महाराणा प्रताप ने करवाया था। महाराणा ने महल अपने प्रिय पत्नी अजबदे पंवार के लिए इसका निर्माण कराया था। इसमें महल में कई सारे छोटे व बड़े कांच लगे हुए है। जिसके के कारण इस दर्पण महल भी कहा जाता है।
अमर विलास - Amer vilas in Hindi
बगीचे पर बना हुआ आमेर विलास अद्भित वास्तुकला है। जिसे संगमरमर की सहायता से बनाया गया है। इसमें महाराणा अपने खाली समय बिताने के लिए आते थे। यह सिटी पैलेस के उस स्थल पर बना हुआ है। साथ ही यह से होकर बादी महल का रास्ता जाता है। ये दिखने में आकर्षक और खूबसूरत महल है।
सिटी पैलेस में घूमने का सही समय - Best time to visit City Palace In Hindi
अगर आप उदयपुर के सिटी पैलेस में घूमने जा रहे है तो हम आपको बता की इसका सबसे समय अक्टूबर से मार्च के बीच का रहता है। इस समय को यहां पर घूमने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है। इस समय मौसम ठंडा और सुखद रहता है जिससे घूमने में कोई समस्या नहीं होती है।
उदयपुर सिटी पैलेस कैसे पहुंचे ? How to reach Udaipur City Palace
रेल मार्ग - रेल मार्ग से यदि आप यहां पहुंचना चाहते हैं। तो आपको सर्वप्रथम अहमदाबाद रेलवे स्टेशन आना होगा वहां से आप उदयपुर के लिए ट्रेन में बैठ सकते हैं। उदयपुर रेलवे स्टेशन से आप टैक्सी क्या ऑटो लेकर उदयपुर सिटी पैलेस पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग - और यदि आप सड़क मार्ग से अपना निजी वाहन लेकर या फिर सरकारी अथवा प्राइवेट बस से यहां आना चाहते हैं। तो आप बड़ी आसानी से आ सकते हैं।
उदयपुर के लिए भारत के करीब करीब सभी बड़े चेहरों शहरों से बसें चलती हैं उदयपुर शहर आने के बाद आप टैक्सी अथवा ऑटो की सहायता से उदयपुर सिटी पैलेस आ सकते हैं।
हवाई मार्ग - उदयपुर सिटी पैलेस का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा डबोक हवाई अड्डा है। जिसे महाराणा प्रताप हवाई अड्डे के नाम से भी जाना जाता है। यह हवाई अड्डा जयपुर जोधपुर औरंगाबाद दिल्ली जैसे शहरों से सीधा जुड़ा हुआ है। हवाई अड्डा पहुंचने के बाद आप उदयपुर सिटी पैलेस आ सकते हैं।
सिटी पैलेस नक्शा - City palace map
सिटी पैलेस फोटो गैलरी - City Palace Photo Gallery
QNA
Q1 सिटी पैलेस में टिकट कितने का है ?
A सिटी पैलेस में 300 से 350 का टिकट है।
Q2 सिटी पैलेस में कौन रहता है ?
A वर्तमान समय में इस परिसर में शम्भूक राज परिवार रहता है।
Q3 सिटी पैलेस का निर्माण कब हुआ ?
A सिटी का निर्माण 1559 में हुआ था।
तो दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको बताया उदयपुर सिटी पैलेस के बारे में। जिसमे हमने आपको उदयपुर सिटी पैलेस का इतिहास, वास्तुकला और परिसर के भीतर के महलों से आपको अवगत करवाया।
आपको हमारा ये आर्टिकल कैसा लगा हमें कॉमेंट करके जरूर बताएं, और हमारे इस आर्टिकल को सोशल मीडिया पर शेयर जरुर करे।