थार मरुस्थल के मुहाने पर बसा जोधपुर राजस्थान का एक प्रमुख ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नगर है। जो अपने भव्य किलो तथा शाही महलों के लिए दुनिया भर के पर्यटक का ध्यान अपनी और खिंसता है।
सूर्यनगरी(Suncity), नीली नगरी(Blue city) जैसे नामो से प्रसिद्ध जोधपुर में घूमने की जगहे पर्यटक के लिए एक से बढ़कर एक है। जिसमें विशाल मेहरानगढ़ का किला तो वही दूसरी तरफ शाही उम्मेद भवन पैलेस जैसी शानदार स्थल मौजूद है।
नमस्कार, प्रिय पाठकों मेरा नाम विक्रमादित्य और आज के इस लेख के जरिए आपके हम बताएंगे जोधपुर की संपूर्ण यात्रा गाइड, जो आपके आगामी जोधपुर यात्रा में मददगार साबित हो सकती है।
इस लेख के मुख्य प्वाइंट संक्षिप्त में
- जोधपुर में घूमने की जगह
- मेहरानगढ़ का किला
- उम्मेद भवन पैलेस
- जसवंत थडा
- मंडोर गार्डन
- कायलाना झील
- तोरण पोल
- घंटा घर
- महामंदिर
- राव जोधा डेजर्ट रॉक पार्क
- बालसमंद झील
- मछिया सफारी पार्क
- नेहरू पार्क
- चामुंडा माता मंदिर
- उम्मेद गार्डन
- सूरसागर झील
जोधपुर में घूमने की जगह
मेहरानगढ़ का किला - जोधपुर का ऐतिहासिक और प्रमुख पर्यटन केंद्र
मेहरानगढ़ का किला जोधपुर शहर का सबसे लोकप्रिय और एक भव्य किला है। जो अपनी ऐतिहासिक पक्षधरता रखता है। इस किले को जोधपुर के संस्थापक राव जोधा द्वारा 1459 में बनवाया गया था।
जो जोधपुर में 410 फिट की ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस किले की बेहद जटिल वास्तुकला इसे देखने लायक बनाती है।
पर्यटन दृष्टि से
पर्यटकों के लिए यहां पर देखने के लिए कई सारी चीजे है। किले के भीतर संग्रहालय बना हुआ है। जहा पर पर्यटक इसमें मौजूद हथियार, वस्त्र, पालकिया और अन्य पारंपरिक वस्तुएं देख सकते है।
इस किले से जोधपुर शहर का नीला नजारा भी देखा जा सकता है। जहा से उन्हें इस बात का भी पता चलेगा कि क्यों जोधपुर को "ब्लू सिटी" कहा जाता है। इस किले में पर्यटक राजस्थान के रजवाड़ी अंजदाज देख सकते है।
यात्रा के लिए सुझाव
किले में जाने से पहले आरामदायक जूते पहने ले, और किले की भव्यता और अंदर मौजूद विभिन्न महलों के बारे में जानकारी के लिए एक गाइड को अपने साथ जरूर ले।
उम्मेद भवन पैलेस - राजसी महल और लग्जरी होटल
उम्मेद भवन पैलेस जोधपुर में स्थित इस्तेमाल है, जो दुनिया में मौजूद सबसे लग्जरी होटल्स में से एक है। इस भव्य और आलीशान पैलेस का निर्माण महाराजा उम्मेद सिंह ने करवाया था।
जिनके नाम पर ही आगे चलकर इस का नाम उम्मेद भवन पैलेस हुआ। इस महल का निर्माण 1929 में शुरू जो आने वाले 14 वर्षो में यानी 1943 को पूरा हुआ।
इस भवन की वास्तुकला में राजस्थानी और यूरोपीय वास्तुसैली की झलक नजर आती है। इसका निर्माण करने का उद्देश्य उस समय जोधपुर की जनता को अकाल में रोजदार देना था।
पर्यटन दृष्टि से
उम्मेद भवन पैलेस आज के समय दो भागो में मुख्य रूप से विभाजित है। जिसमे एक हिस्से में शाही परिवार का निवास है। दूसरा हिस्सा लग्जरी होटल और एक संग्रहालय के रूप बना हुआ है।
जो पर्यटक जोधपुर में लग्जरी होटल्स की तलाश में है, वो इस भवन में जा सकते है। और साथ इसमें मौजूद संग्रहालय का भ्रमण भी कर सकते है। जहा पर मौजूद शाही परिवार की विभिन्न प्राचीन और पारम्परिक वस्तुओ के देख सकते है।
यात्रा का सुझाव
यहां पर जाने के लिए मुख्य रूप से सुबह और शाम के समय का चयन करना एक अच्छा विकल्प है। साथ ही यहां पर मौजूद संग्रहालय में भी समय बिताए और संग्रहालय की विभिन्न वस्तुओं के बारे में भी जानकारी प्राप्त करे।
लग्जरी अनुभव के लिए यहां पर एक रात रुककर यहां के भोजन का भी स्वाद ले सकते है।
जसवंत थड़ा - सफेद संगमर से निर्मित मारवाड़ का ताजमहल
जसवंत थड़ा जोधपुर में स्थित एक ऐतिहासिक स्मारक है। जो अपनी जटिल और उत्कृष्ट वास्तुकला के लिएं पर्यटक के मध्य सुर्खिया बटोरता है।
इस ऐतिहासिक स्थल के निर्माण में सफेद संगमरमर का इस्तेमाल किया गया था। इसी कारण इसे मारवाड़ का ताजमहल भी कहा जाता है।
यह स्मारक महाराजा सरदार सिंह द्वारा अपने पिता जसवंत सिंह द्वितीय की याद में बनाया गया था। जसवंत थड़ा के आस पास के बाग बगीचे और इसका सुंदर वातावरण इसे एक शांत जगह बनाता है।
पर्यटन दृष्टि से
पर्यटन दृष्टि से यहां पर कई सारी चीजे है, जो पर्यटकों द्वारा की जा सकती है। इसमें पर्यटक यहां पर मौजूद सुंदर बाग बगीचे में समय बिता सकते है।
यहां पर मौजूद तालाब के किनारे कर बैठ कर शांति का अनुभव कर सकते है। साथ ही पर्यटक यहां पर की गई संगमरमर की वास्तुकला को भी देख सकते है।
यात्रा का सुझाव
यहां पर यात्रा उस समय जब सूर्य उदय हो रहा हो या अस्त हो रहा हो, क्योंकि इस समय सूर्य की किरणों से इस महल का नजारा अद्भुत और देखने लायक होता है।
जिसे देखने के साथ साथ अपने कैमरे भी कैद कर सकते है। इसके अलावा यहां के शांत वातावरण में भी समय बिताए।
मंडोर गार्डन - प्राकृतिक और ऐतिहासिक स्थल
मंडोर गार्डन जोधपुर का एक और प्रमुख आकर्षण है। जहा पर राजसी छतरिया, महल और मंदिरों बने हुए है। यह जोधपुर में घूमने की परफेक्ट जगह है। जहां पर आप प्रकृति के साथ साथ ऐतिहासिक इमारतों का संगम देख पाएंगे।
पर्यटन दृष्टि से
पर्यटक के लिए यहां पर बहुत कुछ कर सकते है। जिसमे यहां की छतारियो की वास्तुकला देखना मंदिरों में दर्शन करना और ऐतिहासिक इमारतों की वास्तुकला के बारे में जानना आदि। यह जगह जोधपुर की सांस्कृतिक विरासत का भी एक भाग हैं।
यात्रा के लिए सुझाव
यहां पर कैमरा साथ ले जाए, और खासकर हो सके तो इस का भ्रमण सर्दियों के मौसम में करे। जब जोधपुर का मौसम सुहावना और ठंडा होता है।
यहां पर मौजूद एक एक कर सारी ऐतिहासिक इमारतों और मंदिरों को देखने में समय निकाले। यह जगह जोधपुर शहर से बाहर की ओर स्थित है।
तो यहां तक पहुंचने के लिए टैक्सी या अन्य किराए वाले वाहन का उपयोग करे।
कायलाना झील - जोधपुर में बोटिंग करने की जगह
कायलाना झील मुख्यत एक मानव निर्मित झील है। जिसका मुख्य कार्य आम लोगो के पानी की आपूर्ति के लिए किया गया था। जो आज भी जोधपुर शहर और जोधपुर जिले के अनेक जगहों पर पानी की आपूर्ति करती है।
झील के आस पास का सुन्दर नजारा इसे जोधपुर में घूमने लायक जगह बनाता है। यह झील राव जसवंत द्वितीय द्वारा 1872 बनवाई गई थी। झील जोधपुर में प्राकृतिक दृष्टि को भी उजागर करती है।
पर्यटन दृष्टि से
कायलाना झील जोधपुर शहर के भीड़ भाड़ और शोरगुल से दूर एक शांत जगह है। यह झील बोटिंग करने की सुविधा भी देती है। जहां पर पर्यटक बोट में बैठकर इस झील के मनममोहक दृश्य के गवाह बन सकते हैं।
इसके अलावा सूर्यास्त के समय इस झील का नजारा और भी बेहतरीन हो जाता है। जब सूर्य की किरने इस झील के पानी में दिखती है।
यात्रा के लिए सुझाव
झील पर घूमने सुबह जल्दी चले जाए और इस जगह के शांत वातावरण का आनंद ले। साथ ही झील के और अधिक विस्तृत अनुभव के लिए बोटिंग का सहारा ले।
और झील के किनारे शांत प्राकृतिक जगह खोजे जहा पर आ कुछ समय अकेले में शांति के साथ बिता सके।
तोरण पोल - ऐतिहासिक स्थान
तोरण द्वार, पोल या गेट जोधपुर के पर्यटन स्थल की सूची में आने वाली प्रमुख जगह है। जिसका निर्माण राव जसवंत सिंह द्वितीय द्वारा करवाया गया था। यह जोधपुर में स्थित एक द्वारा है।
जिसकी अद्भुत वास्तुकला और बनावट इसे पर्यटकों के मध्य जोधपुर घूमने लायक जगह बनाती है। यह जोधपुर के समृद्ध संस्कृति का उदाहरण है, जो जोधपुर के विशाल ऐतिहासिक तथ्यों को दर्शाता हैं।
पर्यटन दृष्टि से
पर्यटक यहां पर इसकी खूबसूरती और वास्तुकला का नजारा देख सकते है। साथ ही जोधपुर की सांस्कृतिक विरासत का भी अनुभव कर सकते है। यह जगह इतिहास और वास्तुकला प्रेमी की पसंदीदा जगह है।
घंटा घर - जोधपुर में मध्य में स्थित अति मनमोहक जगह
घंटा घर पुराने जोधपुर में स्थित एक ऐतिहासिक इमारत है। जो पुराने शहर के केंद्र में मौजूद है। इसका निर्माण 1880 में राव सुर सिंह ने करवाया था। यहां पर एक बड़ी और पारंपरिक घड़ी भी लगी हुई है।
जो इस घंटाघर का मुख्य आकर्षण है। यहां पर एक बाजार भी मौजूद है, जो इस जगह को जोधपुर में घूमने और खरीददारी करने लायक जगह बनाती है।
पर्यटन दृष्टि से
घंटा घर में पर्यटक इस जगह का दीदार करने और इसकी फोटोग्राफी के साथ साथ यहां पर बाजार में जोधपुर की प्रसिद्ध और पारंपरिक वस्तुओ की खरीददारी भी कर सकते हैं। जिसमे वो हस्तशिल्प की वस्तुएं, स्थानीय वस्त्रों का चयन कर सकते है।
यात्रा का सुझाव
घंटाघर में आप जोधपुर के स्थानीय खान पान का स्वाद अवश्य ले। जिसमे जोधपुर के फेमस मिर्चीवड़े का स्वाद लेना बिलकुल भी न भूले।
इसके अलावा आप यहां पर जोधपुर के स्थानीय दुकानों का भी भ्रमण करे। जहा से राजस्थान और जोधपुर की संस्कृति को और करीब से जाना जा सकता है।
महामंदिर - जोधपुर का प्राचीन मंदिर
महामंदिर जोधपुर का एक प्राचीन मंदिर है। जो भगवान शंकर को समर्पित एक हिंदू मंदिर है। जिसका निर्माण 1812 में किया गया था। यह मंदिर अपनी जटिल और उत्कृष्ट वास्तुकला के लिए जाना जाता है।
जहा पर भगवान शिव के भक्तों की भारी संख्या नजर आती है। इस मंदिर की दीवारों और स्थंभों पर भी अदभुत कलाकारी का दृश्य नजर आता है। जो इस मंदिर को धार्मिक से साथ साथ सांस्कृतिक दृष्टि भी देता हैं।
पर्यटन दृष्टि से
यह एक धार्मिक स्थल है। जहा पर मुख्य रूप से हिंदू अनुयाई भगवान शिव के दर्शन करने आते है। लेकिन इस मंदिर में किसी भी धर्म का व्यक्ति जा सकता है।
गैर हिन्दू भी इस मंदिर की वास्तुकला को देख सकते है। इस मंदिर के जगह जगह पर की गई नक्काशी भी इसका एक मुख्य पर्यटक आकर्षण है।
यात्रा का सुझाव
अगर आप मंदिर की वास्तुकला और भगवान शिव के दर्शन शांतिपूर्ण ढंग से करना चाहते है। तो ऐसा दिन चुने जब इस मंदिर में श्रद्धालु कम संख्या में जाते है। और साथ ही साथ कोशिश करे की आप इस मंदिर में सुबह के समय या शाम के समय ही जाए।
क्योंकि इस समय मौसम भी थोड़ा ठंडा और आरामदायक होता है। जिससे आप दर्शन के साथ साथ इस मंदिर की विशेष वास्तुकला के बारे में भी धैर्य पूर्वक जानकारी प्राप्त कर सकते है।
राव जोधा डेजर्ट रॉक पार्क - जोधपुर में घूमने की शानदार जगह
राव जोधा डेजर्ट रॉक पार्क जोधपुर का अनोखा पार्क हैं। इस पार्क में मुख्य रूप से जोधपुर की प्राकृतिक परिस्थिति नजर आती है। इस पार्क का क्षेत्र करीब 72 हेक्टेयर में फैला हुआ है।
जो इसे एक विशाल पार्क बनाता है। इस पार्क का नाम राव जोधा जो जोधपुर के संस्थापक कहे जाते है, उन्ही के नाम पर रखा गया हैं। इस पार्क में भिन्न - भिन्न प्रकार के रॉक फॉर्मेशन और वनस्पतियां मुख्य आकर्षण है।
पर्यटन दृष्टि से
राव जोधा पर्यटको के लिए कई सारी मनोरंजन की सुविधा उपलब्ध कराता हैं। जिसमे पर्यटक यहां पर ट्रेकिंग, हाइकिंग जैसी गतिविधियां भी कर सकते है। साथ हीं पर्यटक इस पार्क में रेगिस्तानी जीवन की झलक भी देख पाएंगे। राव जोधा पार्क को जोधपुर में घूमने वाली जगहों की लिस्ट में अवश्य शामिल करें।
यात्रा का सुझाव
अगर आपको ऐसी जगहों का अनुभव बिलकुल भी नहीं है। तो आप एक गाइड जरूर रखे। साथ ही साथ ही ऐसी जगहों पर घूमने जाने से पहले आरामदायक जूते और पानी की बोतल भी अपने साथ अवश्य रखे। इसके अलावा सूर्य की किरने से बचने के लिए भी उपयुक्त सामग्री अपने साथ लेकर जाए।
बालसमंद झील - शहर की भीड़ भाड़ से दूर शांत जगह
बालसमंद झील जोधपुर की एक ऐतिहासिक झील है। जिसका निर्माण 1159 में किया गया था। इसके निर्माण के उद्देश्य इस समय लोगो की जलापूर्ति करना था। इस झील के आस पास के कई बाग और बगीचे भी मौजूद हैं। जो इसे एक शांत और सुंदर झील बनाती है। यह झील जोधपुर शहर के शोरगुल से दूर शांत जगह पर स्थित है। इस झील का पानी मीठा और शुद्ध है।
पर्यटन दृष्टि से
पर्यटक इस झील के शांतिपूर्ण वातावरण में कुछ समय के लिए अपने आप को इसमें विलुप्त कर सकते है, और इस झील के सुंदर नजारों से मंत्रमुक हो सकते है। साथ ही साथ यहां के सुंदर बाग बगीचो भी देखने लायक और फोटोग्राफी करने योग्य है। और इन सब के अलावा इस झील के किनारे से प्राकृतिक दृश्यों का भी भरपूर आनंद ले।
यात्रा का सुझाव
बालसमंद झील पर आप पिकनिक मनाने के बारे में सोच सकते है। इसके अलावा आप अगर फोटोग्राफी का शौक रखते है। तो भी यहां पर कई बेहतरीन लोकेशन है। जहा पर अपनी फोटोग्राफी की स्किल्स को आजमा सकते है। इसके अलावा यहां जाते समय अपने साथ कुछ खाने पीने के आइटम जरूर लेकर जाए।
माछिया सफारी पार्क - प्रकृति के समय बिताने की जगह
मछिया सफारी पार्क जोधपुर में वन्य जीव प्रेमियों के लिए घूमने का अच्छा सुझाव है। इस पार्क को जोधपुर में 1980 में स्थापित किया गया था। इस पार्क में विभिन्न प्रकार के वन्यजीवो का आवास स्थान है।
साथ ही साथ इस पार्क में मुख्य आकर्षण के तौर पर एक झील भी मौजूद है। यह पार्क वन्यजीवो के प्रति जागरूकता को भी बढ़ावा देता है।
पर्यटन दृष्टि से
पर्यटक यहां पर वन्यजीवों की विभिन्न प्रजातियों जैसे सरीसृपो और पक्षियों को देख सकते हैं। उन पर्यटकों को तो इस पार्क का भ्रमण अवश्य करना चाहिए। जो वन्य जीव और प्राकृतिक जगहों पर घूमने पसंद करते है। इस पार्क में आपके लिए सफारी की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। जो इसे जोधपुर में घूमने वाली जगहों में एक मुख्य स्थान देता है।
यात्रा का सुझाव
जोधपुर से पार्क तक जाने के लिए ऑटो रिक्शा और अन्य वाहन का उपयोग करे। सफारी में जाने से पहले इसकी समय सारणी को जांचे। और अंत में सफारी करते समय आरामदायक और हल्के कपड़े पहनकर ही सफारी पर निकले।
नेहरू पार्क - भिन्न भिन्न प्रकार के पेड़ पौधों का संग्रह
नेहरू पार्क को 1960 में स्थापित किया गया था। इस पार्क का नाम भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम पर रखा गया है। यह उद्यान प्रमुख शहर से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है।
इसका प्रमुख शहर से थोड़ी दूरी पर होना एक शांतिपूर्ण जगह होने का भी प्रमाण है। पार्क का वातावरण हरा भरा और शांत है। इस पार्क में क्यारियां और सुंदर फूलो की विस्तृत श्रृंखला है।
पर्यटन दृष्टि से
यह पार्क पिकनिक मनाने के लिए एक उत्तम जगह है। जहा के शांत वातावरण में आप पिकनिक जैसे मजेदार गतिविधि कर सकते है। साथ ही साथ पार्क बच्चो के खेलने के लिए भी उचित व्यवस्था है। पार्क पगडंडियां भी मुहिया करवाता है। पार्क का वातारण पर्यटको के लिए शांति से समय बिताने का अवसर देता है।
यात्रा के लिए सुझाव
यहां पर जाए तो खाने पीने के आइटम साथ लेकर जाए। लेकिन ध्यान रखे की जो आइटम आप साथ लेकर जा रहे उनके कचरा पार्क में न इधर उधर न फैलाए। पार्क में सूर्यास्त के नजारे का भी लुफ्त उठाए। और शांति से हरियाली के साथ समय बिताकर यादें बनाए।
चामुंडा माता मंदिर - धार्मिक स्थल
चामुंडा माता मंदिर जोधपुर का धार्मिक स्थल है। जहा पर हर रोज भारी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आते है। यह मंदिर 1460 के समय बना हुआ है। जो इसे ऐतिहासिक पहलू से भी जोड़ता है।
मंदिर में स्थापित भव्य मूर्ति और मंदिर की वास्तुकला इसका पर्यटन आकर्षण है। तो वही भक्तो की श्रद्धा इसका धार्मिक पहलू है। मंदिर की के दीवारों पर की गई चित्र कला इसे संस्कृतिक महत्व भी प्रदान करता है।
पर्यटन दृष्टि से
पर्यटन दृष्टि से यह मंदिर वास्तुकला और खूबसूरत चित्र इसका मुख्य आकर्षण है। साथ ही साथ मंदिर का शांत वातावरण भी इसे पर्यटकों के मध्य लोकप्रियता दिलाता है। जिसे यह मंदिर जोधपुर में दर्शनीय और घूमने वाली जगहों में अपनी उपस्थिति दर्ज करता है।
यात्रा के लिए सुझाव
मंदिर में दर्शन करने के लिए सुबह या शाम के समय जाने की कोशिश करें। और मंदिर में दर्शन करते समय धार्मिक दृष्टि रखे। मंदिर तक पहुंचने के लिए स्थानीय किराए से चलने वाले वाहन से अथवा ऑनलाइन वाहन की सहायता ले।
उम्मेद गार्डन - राजसी महल के बाहर सुंदर गार्डन
यह गार्डन जोधपुर का लोकप्रिय उद्यान है। जो महाराजा उम्मेद सिंह द्वारा निर्मित करवाया गया है। इस गार्डन में कई सारे फूल, क्वारिया और अन्य प्रकार के पौधे शामिल है। जो इसे जोधपुर में घूमने लायक पर्यटन स्थल बनाता हैं। इस का पार्क क्षेत्र करीब 82 एकड़ तक का है। जो इसे विशालता प्रदान करता है। पार्क का प्राकृतिक सौंदर्य देखने लायक है।
पर्यटन दृष्टि से
पार्क में पर्यटक हरियाली और ताजे वातावरण का अनुभव कर सकते है। जोधपुर के इस पार्क में पर्यटक फोटोग्राफी भी कर सकते है। इसकी हरियाली का भी दीदार दिल खोल के कर करे।
यात्रा के लिए सुझाव
पार्क में जाने के लिए सही समय यानी सुबह या शाम के टाइम जाए। जो आरामदायक और घूमने फिरने का सही समय होता है। साथ ही पार्क की प्राकृतिक खूबसूरती का आनंद ले। पार्क में हल्के और आरामदायक कपड़े पहनकर जाए।
सूरसागर झील - जोधपुर में स्थित प्राकृतिक सुंदरता का खजाना
झील जोधपुर के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित है, जो एक प्राचीन झील है। जिसका निर्माण जोधपुर के शासक महाराजा जसवंत सिंह द्वारा करवाया गया था। आज के समय इस झील का ऐतिहासिक महत्व है। क्योंकि इस झील के किनारों पर कई सारी छतरिया बना हुई है। जिनकी वास्तुकला और स्थापत्य शैली देखने लायक है।
पर्यटन दृष्टि से
झील पर्यटकों के लिए शांत और सुंदर वातावरण की पेशकश करती है। पर्यटक इस झील के किनारे पर टहल सकते है। साथ ही वो इस झील में नौका विहार भी कर सकते है। जिसकी सुविधा भी उपलब्ध है। इसके अलावा पर्यटक इस झील के किनारे पर मौजूद छतरिया और धार्मिक स्थलों पर भी जा सकते है।
यात्रा का सुझाव
इस झील के बोटिंग का आनंद जरूर ले। इस झील के किनारे से इस झील के मनमोहक दृश्यों पर भी अपनी नज़र घुमाए। झील पर जाते समय अपने साथ जरूर साझो समान भी लेकर जाए। झील पर सूर्यास्त के समय की तस्वीर खींचे और सूर्यास्त की खूबसूरती को निहारे।
जोधपुर में घूमने का सही समय
अगर आप इस शहर का भ्रमण करने की योजना बना रहे है, तो इसका समय अक्टूबर से अप्रैल महीने के शुरुआती दिनों तक ही रखे।
चूंकि जोधपुर को थार मरुस्थल का द्वारा भी कहा जाता है, इसीलिए गर्मियों में यहां घूमने जाना सही विकल्प नहीं माना जाता है।
वही आप जोधपुर की यात्रा विशेष त्योहारों में जैसे दीपावली या होली में कर सकते है। जब आप जोधपुर की वास्तविक खूबसूरती से रुबरु हो सकते है।
जोधपुर के प्रसिद्ध खान पान
यदि आप जोधपुर को करीब से जानना चाहते है, तो आपको जोधपुर के खान पान का स्वाद अवश्य लेना चाहिए। चाहे वो मिर्ची बड़ा, प्याज की कचौड़ी हो या फिर मखनिया लस्सी सभी का स्वाद एक से बढ़कर एक है।
वही इसके अलावा आप जोधपुर में राजस्थान का सबसे प्रसिद्ध भोजन दाल, बाटी और चूरमा का स्वाद लेने से बिल्कुल भी न चुके।
साथ ही जोधपुर में मिठाइयां भी बहुत प्रसिद्ध है, जिसमें घेवर, मावा कचौरी, गुलाब जामुन और रसगुल्ले आदि शामिल है।
आपको बताते चले की जोधपुर की मिठाइयां इतनी फेमस की आपको पूरे भारत के अलग अलग जगहों पर जोधपुर मिष्ठान भंडार नाम से दुकानें भी मिल जाएगी।
जोधपुर में खरीदारी की जगह
जोधपुर जहां पर शॉपिंग करने के लिए लोग दूर दूर से आते है। शहर में खरीददारी के लिए कई सारी वस्तुएं है, जो आपकी यात्रा को एक यादगार यात्रा बना देगी। जोधपुर में बंधेज साड़िया, जोधपुर की फेमस जुती, चांदी के आभूषण और लाख की चुड़ियों आदि की खरीददारी कर सकते है।
यहां कई सारे मार्केट है, जिनमें घंटा घर, सरदारपुरा मार्केट, नैयाब मार्केट, त्रिपोलिया मार्केट और सोजती गेट मार्केट आदि जहां पर आप दिल खोलकर शॉपिंग कर सकते है।
जोधपुर में रुकने की जगह
जोधपुर हर प्रकार के यात्रियों के रुकने की व्यस्था करने वाला शहर है। जहां पर आप लक्जरी अनुभव लेना चाहते है, तो उम्मेद भवन पैलेस, रास होटल और अजित भवन जैसे लग्जरी होटल्स आपके लिए मौजूद है।
वही आप मध्यम रेंज में यात्रा करने के बारे में सोच रहे है, तो भी आप जोधपुर में पाल हवेली, द करणी भवन और हवेली इन जैसी होटल्स में ठहर सकते है।
लेकिन अगर आप लॉ बजट में यात्रा कर रहे है, तब भी आप आराम से जोधपुर में जोस्टल, होमस्टे अथवा कोई सस्ती होटल्स का चयन कर सकते है।
अगर आप जोधपुर के शानदार दृश्य के नजारा के साक्ष्य बनना चाहते है, हमारी राय में आप पुराना शहर के आस पास ही रुके जहां से आप सूर्योदय और सूर्यास्त के अद्भुत नज़ारे को देख पाएंगे
जोधपुर में घूमने का खर्चा
जोधपुर में घूमनें का खर्चा इस बात पर निर्भर करता है, कि आप यात्रा किस प्रकार से करते है। फिर अगर हम अनुमानित मध्य रेंज की यात्रा की बात करे तो आप को कम से कम 6 हजार रुपया से 10 हजार के बजट की आवश्यकता होगी। जिसमें रुकने खाने और घूमना सारा मिलकर है।
अगर आप यात्रा थोड़ी और लक्जरी करना चाहते है, तो आप करीब 20000 हजार रुपए वही लॉ बजट में करना चाहते है, तब 5000 हजार रुपए या उससे भी कम में यात्रा कर सकते है। जोधपुर का खर्चा पूरी तरह से इसी बात पर निर्भर करता है, कि आप कब, कैसे करते है। आप अपनी यात्रा के अनुसार बजट तैयार कर सकते है।
हमारा अनुभव
जोधपुर मेरा होमटाउन है, जिससे मैं आपको कह सकता है कि - जोधपुर के नीले का घरों का अद्भुत नजारा वाकई देखने लायक होता है, और मेहरानगढ़ के किले से सूर्यास्त का शानदार दृश्य भी देखने योग्य होता है।
स्थानीय बाजारों में एक यात्री के तौर घूमना जोधपुर के लोगों बात करना एक यादगार लंबा हो सकता है। वही यहां के स्ट्रीट फूड स्वाद का लेना अपने आप में यादगार अनुभव है। नीली नगरी जोधपुर घूमने के लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है।
जोधपुर कैसे पहुंचे
जोधपुर आबादी के लिहाजे से राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है, जहां पहुंचना बहुत ही आसान है।
हवाई मार्ग से - जोधपुर में एक हवाई अड्डा मौजूद है। जहां से निरंतर रूप से दिल्ली, मुंबई, जयपुर और अन्य कुछ प्रमुख शहरों के लिए फ्लाइट उड़ान भरती है।
रेल मार्ग से - जोधपुर रेलवे स्टेशन उत्तर पश्चिम का मुख्य रेलवे स्टेशन है, जहां से देश के लगभग हर बड़े शहर और मुख्य रेलवे स्टेशन के लिए ट्रेन का आवागमन होता है। कुलमिलाकर जोधपुर जाने के लिए रेलवे मार्ग सबसे सुगम है।
सड़क मार्ग - जोधपुर NH 65 और NH 25 से सीधा जुड़ा हुआ है, जिसकी वजह से यहां पर आप अपनी स्वयं की गाड़ी लेकर या बस की सहायता से आ सकते है। राजस्थान के विभिन्न शहरों से जोधपुर के लिए बसे चलती है। वही इसके अलावा प्राइवेट बसे दूसरे राज्यों से जोधपुर के लिए चलती है। सड़क मार्ग भी जोधपुर पहुंचने एक काफी अच्छा और आसान विकल्प है।
निष्कर्ष -
जोधपुर राजस्थान के साथ साथ मारवाड़ की अद्भुत संस्कृति का जीवंत उदाहरण है। थार के रेगिस्तान का दरवाजे से विख्यात यह शहर केवल अपनी रॉयल्टी और अपने विशाल महलों के लिए नहीं बल्कि अपनी मेहमान नवाजी के लिए भी प्रसिद्ध है।
जोधपुर केवल घूमने की जगह नहीं, यह शहर महसूस करने की जगह है, महसूस थार के रेगिस्तान में तप्ती रेत में लोगो का संघर्ष, महसूस आधुनिकता के साथ साथ पारंपरिक संस्कृति को समेटना।
यह था हमारा संपूर्ण ब्लॉग जिसमें हमने आपको बताया जोधपुर में घूमने की जगह, सहित सम्पूर्ण जोधपुर यात्रा की जानकारी। आपके हमारा ब्लॉग कैसा लगा हमे कमेंट करके जरूर बताए, धन्यवाद।
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